एक मुट्ठी आसमान चाहिए ....
यहाँ सफ़र कैसा भी हो,
सभी को रास्ता एक, आसान चाहिए !
यहाँ मंजिल कैसी भी हो,
लोगो को तो बस एक, पहचान चाहिए !
सोने वाले सपनों से थक कर सो गए ,
अब हर किसी को महल एक, आलिशान चाहिए !
कोशिश तो करते है सब अपने लिए जीने की,
पर यहाँ जीने के लिए भी, एक मुट्ठी आसमान चाहिए !
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